पर्यावरण के प्रति मनुष्य की गैर-ज़िम्मेदारी की वजह से, प्राकृतिक आपदाएं ना केवल बढ़ने लगी हैं, बल्कि साथ ही और भी बदतर हो गईं हैं. खासकर, भारत में, जहां इतनी विस्तृत भौगोलिक विविधता पाई जाती है, वहां कई क्षेत्र हमेशा प्राकृतिक आपदा के किसी न किसी खतरे में रहते हैं, फिर चाहें बात पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन और भूस्खलन की हो, या तटीय क्षेत्रों में सुनामी और चक्रवात की. अधिकांश भारतीय राज्य बाढ़ का खतरा झेलते हैं, खासकर मानसून के मौसम में, जब नदियों में पानी का स्तर बढ़ जाता है.
बाढ़ से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. सड़कों, फसलों और ड्रेनेज सिस्टम के नुकसान के अलावा, इससे आपके घर और सामान को भी नुकसान पहुंच सकता है. लेकिन, अगर आपके पास फ्लड इंश्योरेंस है, जो आम-तौर पर कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस का हिस्सा होता है, तो आपके लिए यह चिंता बहुत कम हो जाएगी. ऐसे में मरम्मत के अधिकांश खर्चों को रीइम्बर्स किया जाएगा. फ्लड इंश्योरेंस की अधिक जानकारी यहां दी गई है.
भारत में, अक्सर लोगों को घर खरीदने के लिए पैसे जोड़ने में कई दशक लग जाते हैं. और एक विशाल बाढ़ कुछ ही मिनटों में वो सब कुछ नष्ट कर सकती है. इसीलिए, कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस प्लान खरीदना बहुत ज़रूरी है. फ्लड इंश्योरेंस ऐसे होम इंश्योरेंस का एक सब-पार्ट है, और जब आप इसे चुनते हैं, तो बाढ़ से प्रभावित होने पर आपको मरम्मत के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है.
दूसरे शब्दों में कहें तो, नदियों के उफान के कारण आई बाढ़, या मानसून के मौसम में लगातार बारिश के कारण जल-जमाव, या समुद्री जल के शहर में प्रवेश करने की वजह से ज्वार की स्थिति में आपको सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
भारत में कई नदियां हैं और ऐसे कई शहर और नगर हैं जो रावी, यमुना, सतलज, गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी आदि के किनारे बसे हुए हैं. इन नदियों की सहायक नदियां भी हो सकती हैं. साथ ही, एक प्रायद्वीपीय देश होने के कारण, भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है, जिनमें पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिंद महासागर और पूरब में बंगाल की खाड़ी शामिल हैं
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के अनुसार, देश के लगभग 12.5% क्षेत्र प्रमुख बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्र हैं. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, बिहार, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे कुछ राज्य नियमित रूप से इसका खामियाजा भुगतते हैं. महाराष्ट्र जैसे राज्य मूसलाधार बारिश और अचानक बाढ़ से पीड़ित रहते हैं.
• घर में पानी घुसने की वजह से फ्लोर (फर्श) का नुकसान
• पानी की लीकेज की वजह से शॉर्ट सर्किट के कारण होने वाला कोई भी नुकसान
• अगर आपके इंश्योरेंस प्लान में पर्सनल सामान का उल्लेख है, तो फर्नीचर को हुए नुकसान को कवर किया जाएगा
स्ट्रक्चर से लेकर पेंट तक, दीवारों के नुकसान
छत से पानी टपकना, और न केवल दरारों और जॉइंट से पानी का टपकना बल्कि स्ट्रक्चरल नुकसान भी कवर किया जाएगा क्योंकि जमे हुए पानी से छत कमज़ोर हो सकती है
मालिकों की जानबूझकर की गई लापरवाही की वजह से होने वाले नुकसान को इंश्योरेंस कवर नहीं करता है
मालिकों द्वारा जानबूझकर किए गए नुकसान को इस पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता है
पॉलिसी लेते समय, इंश्योर्ड व्यक्ति को प्रोडक्ट के बारे में पारदर्शिता से सही जानकारी प्रदान करनी चाहिए.
एग्रीमेंट में कोई चीज़ लिस्टेड ना हो तो उसे कवर नहीं किया जाएगा.
पॉलिसी मलबा हटाने के लिए कवरेज नहीं देगी
अगर आप समय पर नुकसान की सूचना नहीं देंगे
इंश्योरेंस अवधि के बाद होने वाले किसी भी नुकसान को कवर नहीं किया जाएगा
@1.6+ करोड़ लोग हुए सुरक्षित!
आपके लिए 24x7 सहायता
कस्टमर की ज़रूरतों के साथी
पूरी तरह से पारदर्शी
awards
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आसान और सबसे तेज़ क्लेम सेटलमेंट
क्लेम के समय, इंश्योरेंस कंपनी नुकसान का आकलन करने के लिए एक एक्सपर्ट नियुक्त करेगी. इसलिए, आपका सही जानकारी देना और नुकसान साबित करने के लिए सही डॉक्यूमेंट और साक्ष्य का होना बहुत ज़रूरी है. इसलिए, बिल को सुरक्षित रखें और जब भी मुमकिन हो, तब हमेशा नुकसान की फोटो को प्रमाण के रूप में अपने पास रखें. इसके अलावा, जितनी जल्दी हो सके अपने इंश्योरर को सूचित करें.