हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को ऑनलाइन रिन्यू करना समय और मेहनत बचाता है. यह प्रोसेस आसान, सुविधाजनक और झंझट मुक्त है. आप जहां भी हों, एचडीएफसी एर्गो के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान रिन्यू करना अब कोई मुश्किल काम नहीं. बस अपना मौजूदा पॉलिसी नंबर और रजिस्टर्ड संपर्क जानकारी दर्ज करें, और अपने हेल्थ इंश्योरेंस का पूरा विवरण प्राप्त करें. हम आपको प्रीमियम दिखाएंगे और आप उपलब्ध किसी भी भुगतान विकल्प के माध्यम से प्रीमियम का भुगतान करके इसे रिन्यू कर सकते हैं.
रूम रेंट पर कोई प्रतिबंध नहीं
कैशलेस क्लेम 20 मिनट के भीतर अप्रूव कर दिए जाते हैं
प्रीमियम के भुगतान के लिए हर महीने, त्रैमासिक, और वार्षिक किश्त का विकल्प उपलब्ध है
कैशलेस होम हेल्थकेयर की सुविधा प्रदान की जाती है**
10,000+ कैशलेस नेटवर्क हॉस्पिटल
समय पर पॉलिसी रिन्यूअल के लिए रिमाइंडर
सेक्शन 80(D) के तहत टैक्स लाभ पाएं
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी कवरेज उपलब्ध है
निम्न डे-केयर प्रोसीज़र भी कवर किए जाते हैं
मुफ्त वार्षिक रिन्यूअल हेल्थ-चेक-अप
पॉलिसी में सदस्यों को जोड़ने/हटाने की सुविधा
मेडिकल इन्फ्लेशन से निपटने के लिए अपना सम इंश्योर्ड बढ़ाएं
1 आयु: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आपके प्रीमियम के निर्धारण में आपकी आयु एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम आयु के बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता जाता है, इसलिए आपको कम आयु में ही यह पॉलिसी खरीदने की सलाह दी जाती है. कम आयु में आपके पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त होने की संभावना काफी कम रहती है और यही कारण है कि अधिक आयु वर्ग के लोगों की तुलना में कम प्रीमियम लिया जाता है. आपको कम आयु में ही हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दी जाती है.
2 पहले से मौजूद बीमारियां: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले अगर आपको कोई बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो इसे पहले से मौजूद बीमारी की कैटेगरी में रखा जाता है. अगर आप हाइपरटेंशन या डायबिटीज से पीडित हैं, तो आपका प्रीमियम अधिक होने की संभावना होती है. आप कम उम्र में पूरी तरह स्वस्थ होते हैं, ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद लेते हैं, तो पहले से मौजूद बीमारियों के कारण लगने वाले अधिक प्रीमियम से बच जाते हैं.
3 फैमिली हिस्ट्री: यह भी एक ऐसा कारक हो सकता है, जो आपकी प्रीमियम कैलकुलेशन को प्रभावित करता है, अगर आपके परिवार में किसी को पहले से डायबिटीज है, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना होती है कि आपको भी कभी न कभी यह बीमारी हो सकती है. इस कारण से इस प्रकार के लोगों से अधिक इंश्योरेंस प्रीमियम लिया जाता है.
4 निवास स्थान: अगर आप मेट्रो शहर में रहते हैं, तो आपको प्रीमियम के रूप में अधिक राशि भरनी पड़ सकती है, इसका कारण यह है कि विकसित शहरों में उपचार की लागत टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के मुकाबले कहीं अधिक होती है. इसलिए दिल्ली में रहने वाले किसी व्यक्ति का प्रीमियम नागपुर में रहने वाले व्यक्ति से अधिक होगा.
5 कवर किए जाने वाले सदस्य: अगर आप सिर्फ अपने लिए कवर चुनते हैं, तो आपका इंश्योरेंस प्रीमियम कम होगा, जबकि फैमिली फ्लोटर पॉलिसी के तहत अपने पति/पत्नी और बच्चों को कवर करने पर प्रीमियम अधिक होगा. इसी प्रकार से फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस में भी आप परिवार के हर सदस्य के लिए अलग-अलग सम इंश्योर्ड ले सकते हैं या फ्लोटर प्लान के तहत सभी को एक ही सम इंश्योर्ड में कवर कर सकते हैं. अलग-अलग सम इंश्योर्ड लेने की बजाय सभी को एक ही फ्लोटर प्लान में कवर करने से प्रीमियम कम हो जाता है.
6 BMI या बॉडी मास इंडेक्स: अगर आपका वज़न आपकी ऊंचाई के अनुपात में संतुलित नहीं है, तो आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है. अधिक BMI वाले लोगों में जोड़ों के दर्द, हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य विभिन्न बीमारियों की अधिक संभावना होती है और इस कारण इन्हें उच्च जोखिम की कैटेगरी में रखा जाता है. उच्च जोखिम कैटेगरी वाले लोगों के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम अपेक्षाकृत अधिक होता है.
7 धूम्रपान की आदतें: अगर आप चेन स्मोकर हैं, तो आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपको उच्च जोखिम की कैटेगरी में रखती है और इस कारण से आपका इंश्योरेंस प्रीमियम अधिक होने की संभावना हो जाती है. लंबे समय तक धूम्रपान करने से आपके फेफड़ों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और आप सांस संबंधी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. इसके अलावा तम्बाकू चबाने और अधिक शराब का सेवन करने जैसी आदतें भी आपके शरीर को प्रभावित करती है और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बनती है; इस स्थिति में भी आपसे अधिक प्रीमियम लिया जा सकता है.
1 रिन्यूअल के लाभ जब आप अपने इंश्योरेंस को निरंतर रिन्यू करते रहते हैं तो आप कई कंटिन्यूइटी के लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जैसे मौजूदा बीमारियों की प्रतीक्षा अवधि की समाप्ति, ताकि भविष्य में अगर आपको डायबिटीज या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों के लिए कवरेज चाहिए, आपकी पॉलिसी इसे बिना किसी प्रतीक्षा अवधि के कवर करेगी.
3 संचयी बोनस अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के रिन्यूअल पर आपको कोई क्लेम नहीं करने के लिए रिवॉर्ड मिलता है. आपके सम इंश्योर्ड को हम हर वर्ष 10%, अधिकतम 100% तक, बढ़ाते हैं, जिसका अर्थ है कि अगर आप क्लेम नहीं करते हैं, तो आपका हेल्थ प्लान वर्ष दर वर्ष बढ़ता जाएगा.
4. बड़ी बचत: 2/3 वर्ष की पॉलिसी अवधि का एक साथ भुगतान करने पर डिस्काउंट का लाभ उठाएं, इसी प्रकार आप अगर परिवार के दो सदस्यों से अधिक के लिए व्यक्तिगत सम इंश्योर्ड के आधार पर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं, तो आपको अधिक डिस्काउंट मिल सकता है. स्मार्ट इंश्योर्ड बनें और लॉन्ग टर्म के डिस्काउंट की तलाश करें और अपने प्रीमियम पर बचत करें.
5.फ्री हेल्थ चेक-अप: आपकी पॉलिसी के रिन्यूअल के समय हम आपको हर साल प्री वार्षिक रिन्यूअल हेल्थ-चेक-अप सुविधा देते हैं
6 टैक्स की बचत : इंश्योरेंस एक टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट है. हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने पर आप सेक्शन 80D के तहत वार्षिक *₹75, 000 तक का टैक्स बचा सकते हैं. है ना अद्भुत? आप टैक्स बचा सकते हैं और साथ ही अपना स्वास्थ्य भी सुरक्षित रख सकते हैं.
आपको यह समझना ज़रूरी है कि अगर आप मेट्रो शहरों में रहते हैं, तो वहां उपचार का खर्च भी अधिक होता है, इसलिए आपको अधिक सम इंश्योर्ड वाला प्लान लेने की आवश्यकता है. अगर वर्ष में एक बार हॉस्पिटलाइज़ेशन की स्थिति आ जाए, तो आपका सम इंश्योर्ड खत्म हो सकता है, ऐसे में आपको अधिक सम इंश्योर्ड वाला प्लान लेने के बारे में विचार करना चाहिए. अगर लॉन्ग टर्म बात करें, तो बस हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना ही काफी नहीं है, आपके विभिन्न मेडिकल खर्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में सम इंश्योर्ड लेना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, अगर आप परिवार के दूसरे सदस्यों को भी कवर कर रहे हैं, तो आपको ₹ 10 लाख से उपर के सम इंश्योर्ड वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने पर विचार करना चाहिए.
हम से अधिकतर लोग हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को तब तक नहीं समझते हैं, जब तक कि उनके साथ या उनके जानने वालों के साथ कोई दुर्घटना न हो जाए. किसी अप्रत्याशित मेडिकल खर्च के आने पर जागरूकता की कमी आपकी सभी जमा पूंजी को खत्म कर सकती है.
हममें से बहुत से लोग मेडिकल खर्चों के लिए एम्प्लॉई हेल्थ इंश्योरेंस को एक सुरक्षित कवर मानते हैं, लेकिन हम आपको यह बताना चाहते हैं कि एम्प्लॉई हेल्थ इंश्योरेंस कोई सही समाधान नहीं है. जब आप कंपनी छोड़ देते हैं या नौकरी बदल लेते हैं, तो आपका हेल्थ इंश्योरेंस लाभ भी खत्म हो जाता है. इसके अलावा, आपके पास कवर को बदलने और सम इंश्योर्ड को बढ़ाने या घटाने की सुविधा भी नहीं होती है. लंबे समय तक एम्प्लॉई हेल्थ इंश्योरेंस पर निर्भर रहने से आपकी प्रतीक्षा अवधि भी समाप्त हो सकती है.
अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना चाहते हैं, तो केवल प्रीमियम देखकर फैसला न करें. हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय कवरेज और लाभों की लिस्ट देखना भी आवश्यक है और इसे नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. अगर आप कम प्रीमियम वाला हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने की सोच रहे हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपको कवरेज में समझौता करना पड़ेगा. भविष्य में, आपको यह एहसास हो सकता है कि आपको किसी विशेष कवरेज की आवश्यकता है, लेकिन आपकी पॉलिसी वह कवर नहीं करती है. जैसे :एचडीएफसी एर्गो हेल्थ इंश्योरेंस कैशलेस इन-होम हेल्थ केयर प्रदान करता है, हॉस्पिटलाइज़ेशन पर कमरे के किराए संबंधी कोई प्रतिबंध नहीं लगाता है और 20 मिनट में कैशलेस क्लेम स्वीकार करता है.
हममें से बहुत से लोग केवल सेक्शन 80 D के तहत टैक्स बचाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको ₹ 75,000 तक का टैक्स बचाने में मदद करता है*. हालांकि, टैक्स बचाने के अलावा भी इसका बहुत महत्व है. आपको एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए जो क्रिटिकल इलनेस या गंभीर बीमारियों के समय में आपकी मदद करे और लॉन्ग टर्म में आपके पैसे की बचत करे. पूर्ण फाइनेंशियल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपको अपने माता-पिता, पति/पत्नी और बच्चों के लिए भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए.